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मंगलवार, 21 जुलाई 2015

इनक खून में भारतीय संस्कार ही नहीं हैं





जिनका बेटा राहुल विदेशों में जाकर यह कहता है कि भारत को खतरा हिन्दू आतंकवाद से है जिसे यह नहीं मालूम कि प्रकारांतर से वह यह कह रहा है कि मुझे खतरा अपनी माँ सोनिया नेहरू से है क्योंकि देश तो माँ के तुल्य ही समझा कहा गया है ,जिनकी बेटी नरेंद्र मोदी के दिए बेटी सम्बोधन पर यह कहती हो कि मेरे पिता तो सिर्फ राजीव गांधी थे यानी जो परिवार सिर्फ जैविक पिता को पिता समझता हो या फिर चर्च के फादर को फादर समझता हो उस संकर परिवार से भारतीयता की  अपेक्षा भी कैसे रखी जा सकती है। संकर खून सबसे पहले संस्कारों को ही नष्ट करता है।

इन सबकी माँ सोनिया नेहरू  का लोकसभा में नरेंद्र मोदी के प्रति व्यवहार इसी आलोक में देखा समझा  जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी इनकी सीट तक चलकर इनका हाल ही पूछने गए थे,इनकी  तबीयत के बारे में पूछने ही तो गए थे , भारतीय तौर तरीकों के प्रति  लापरवाह सोनिया उनके ऐसा पूछने पर ऐसे अकड़ गईं जैसे बर्फ में भीगने के बाद चमड़ा  अकड़ जाता है।

निर्भाव चेहरा  लिए वह बुत बनी रहीं। सौम्यता शिष्टता की परिधि से बाहर था उनका व्यवहार। 



जिनका बेटा राहुल विदेशों में जाकर यह कहता है कि भारत को खतरा हिन्दू आतंकवाद से है जिसे यह नहीं मालूम कि प्रकारांतर से वह यह कह रहा है कि मुझे खतरा अपनी माँ सोनिया नेहरू से है क्योंकि देश तो माँ के तुल्य ही समझा कहा गया है ,जिनकी बेटी नरेंद्र मोदी के दिए बेटी सम्बोधन पर यह कहती हो कि मेरे पिता तो सिर्फ राजीव गांधी थे यानी जो परिवार सिर्फ जैविक पिता को पिता समझता हो या फिर चर्च के फादर को फादर समझता हो उस संकर परिवार से भारतीयता की  अपेक्षा भी कैसे रखी जा सकती है। संकर खून सबसे पहले संस्कारों को ही नष्ट करता है।

इन सबकी माँ सोनिया नेहरू  का लोकसभा में नरेंद्र मोदी के प्रति व्यवहार इसी आलोक में देखा समझा  जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी इनकी सीट तक चलकर इनका हाल ही पूछने गए थे,इनकी  तबीयत के बारे में पूछने ही तो गए थे , भारतीय तौर तरीकों के प्रति  लापरवाह सोनिया उनके ऐसा पूछने पर ऐसे अकड़ गईं जैसे बर्फ में भीगने के बाद चमड़ा  अकड़ जाता है।

निर्भाव चेहरा  लिए वह बुत बनी रहीं। सौम्यता शिष्टता की परिधि से बाहर था उनका व्यवहार। इनके खून में भारतीय संस्कार ही नहीं हैं। 

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