सृजन के लिए चाहिये
एक कलम
एक कोरा कागज़
और भावों से भरा एक मन
मैं कोशिश कर रहा हूँ
तुम पढ़ के बताना
मेरे लेख़न में
उतर आये है क्या
मेरे जज़्बात सही
या उस से कुछ अलग
लिख दिया है मैंने
जो समझा था तुमने
यदि गलत कह न सको
मेरी पंक्तियों को
तो सृजन का रास्ता
तुम्हारे लिए भी खुला हैं
सृजन के लिए चाहिये
एक कलम
एक कोरा कागज़
और भावों से भरा एक मन
____शिवराज______
srssg74@gmail.com
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