एक पुराना गीत
प्रेम के अश्रु बिन्दु लेकर,
भीगी पलकों के भीतर,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं ,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं,
चाहते हैं तुम मिल जाओ,
मुझसे दूर नहीँ जाओ,
दूर कहीं तुम जाते हो,
मुझको बहुत सताते हो,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं,
अति अशान्त मन हो जाता,
''प्रकाश'' नहीं है सो पाता,
अँधेरा जीवन में आता,
राह कोई नहीं पाता,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं।
http://shakuntlamahakavya.blogspot.com/2014/07/blog-post_20.html
प्रेम के अश्रु बिन्दु लेकर,
भीगी पलकों के भीतर,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं ,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं,
चाहते हैं तुम मिल जाओ,
मुझसे दूर नहीँ जाओ,
दूर कहीं तुम जाते हो,
मुझको बहुत सताते हो,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं,
अति अशान्त मन हो जाता,
''प्रकाश'' नहीं है सो पाता,
अँधेरा जीवन में आता,
राह कोई नहीं पाता,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं,
हम तो तुम्हें ढूढ़ते हैं।
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सुंदर ।
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