देखना ये है ये भोपाली किन्नर किधर जाता है इस बात पर ही अब कांग्रेस का भविष्य निर्भर करेगा । पानी जब हद से गुज़र जाता है तो बाँध टूट जाता है। संसद में हाल फिलाल यही हुआ है और बिलकुल ठीक हुआ है। ये १४४ से ४४ पर आ गए कांग्रेसी अब सोनिया मायनो के अलावा न किसी की शक्ल देखना चाहते हैं न पहचानते हैं न किसी की आवाज़ सुनना चाहते हैं । संसद का इन्होनें मखौल बनाके रख दिया था और स्पीकर के ऊपर चढ़ जाते थे ये इस्तीफा इस्तीफा चिल्लाते चिल्लाते। बहस को ये तैयार नहीं सुषमा जवाब देना चाहतीं हैं ये सुनना नहीं चाहते।
कैसे मूर्ख हैं इस्तीफा इन्हें सोनिया मायनो से मांगना चाहिए राहुल से मांगना चाहिए जिन्होेंने कांग्रेस को आज इस स्थिति में पहुंचा दिया जो विपक्ष का भी दर्ज़ा पाने में भी कामयाब नहीं हुई इस्तीफा ये सुषमा का ,शिवराज और वसुंधरा का मांग रहे हैं।
क्या देश में ये वैसा प्रबंध चाहतें हैं जब ये अहंकार के साथ कुर्सियों पर बैठते थे और सारा देश शीर्षासन में रहता था।
जब सोनिया द्वारा नियुक्त एक प्रधानमन्त्री कभी दायें देखता था पक्ष की ओर कभी बाएं विपक्ष की ओर कभी ऊपर ,और कभी अपनी ओर ये पता लगाने के लिए कि मैं कहाँ हूँ।
पच्चीस कांग्रेसी तो लोकसभा से पांच दिनों के लिए निलंबित हो गए अब बाकी बचे १९ कांग्रेसी जिनकी सदस्यता अभी बरकरार है सोनिया के पास जाएँ ,राहुल के पास जाएँ देखना यह भी है कि कौन किधर जाता है और खासकर वह भोपाली किन्नर किधर जाता है तभी यह तय होगा कि कांग्रेस को किधर जाना है। अगर ऐसा संभव न हो तो पर्चियां डालकर कांग्रेसियों को तय कर लेना चाहिए।
कैसे मूर्ख हैं इस्तीफा इन्हें सोनिया मायनो से मांगना चाहिए राहुल से मांगना चाहिए जिन्होेंने कांग्रेस को आज इस स्थिति में पहुंचा दिया जो विपक्ष का भी दर्ज़ा पाने में भी कामयाब नहीं हुई इस्तीफा ये सुषमा का ,शिवराज और वसुंधरा का मांग रहे हैं।
क्या देश में ये वैसा प्रबंध चाहतें हैं जब ये अहंकार के साथ कुर्सियों पर बैठते थे और सारा देश शीर्षासन में रहता था।
जब सोनिया द्वारा नियुक्त एक प्रधानमन्त्री कभी दायें देखता था पक्ष की ओर कभी बाएं विपक्ष की ओर कभी ऊपर ,और कभी अपनी ओर ये पता लगाने के लिए कि मैं कहाँ हूँ।
पच्चीस कांग्रेसी तो लोकसभा से पांच दिनों के लिए निलंबित हो गए अब बाकी बचे १९ कांग्रेसी जिनकी सदस्यता अभी बरकरार है सोनिया के पास जाएँ ,राहुल के पास जाएँ देखना यह भी है कि कौन किधर जाता है और खासकर वह भोपाली किन्नर किधर जाता है तभी यह तय होगा कि कांग्रेस को किधर जाना है। अगर ऐसा संभव न हो तो पर्चियां डालकर कांग्रेसियों को तय कर लेना चाहिए।
लोकसभा में प्लेकार्ड लेकर जाने पर विपक्ष के 25 सांसदों को सस्पेंड किया गया है। इन सांसदों को पांच दिन के लिए सस्पेंड किया गया है। लोकसभा में कांग्रेस के 44 सांसद हैं। इन सांसदों को लगातार जानबूझकर सदन को बाधित करने पर निलंबित किया गया।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में इन सांसदों से प्लेकार्ड न लहराने की अपील भी की थी। दोपहर बाद इन सांसदों को सस्पेंड करने के साथ ही लोकसभा दिन भर के लिए स्थगित हो गई। कांग्रेसी सांसद सदन में- 'दागियों से नाता तोड़ो, मौन मोदी चुप्पी तोड़ो' के प्लेकार्ड लेकर आए थे।
निलंबित कांग्रेसी सांसदों में बी एन चंद्रप्पा, संतोष सिंह चौधरी, अबु हसन खान चौधरी, सुष्मिता देव, आर ध्रुव नारायण, निनोंग इरिंग, गौरव गोगोई, सुकेंद्र रेड्डी गुथा, दीपेन्द्र सिंह हुड्डा, के सुरेश, एस पी एम गौडा, अभिजीत मुखर्जी, मुल्लापल्ली रामचंद्रन, के एच मुनियप्पा, बी वी नायक, विसेंट एच पाला, एम के राघवन, रंजीत रंजन, सी एल रुआला, ताम्रध्वज साहू, राजीव शंकर सातव, रवनीत सिंह , डी के सुरेश, के सी वेणुगोपाल और थोकचोम मेनिया शामिल हैं।
सुदीप बंदोपाध्याय के अपील करने पर स्पीकर ने इन सांसदों का नाम लेने के बाद उन्हें पांच मिनट का वक्त दिया था कि वे अपने स्थान पर चले जाएं और प्लेकार्ड न लहराएं।
कांग्रेसी सांसदों के इस पर भी शांत न होने पर उनपर नियम 374ए के तहत कार्रवाई कर उन्हें पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित हुए सांसदों में कांग्रेस के युवा सांसद ज्यादा हैं, जो वेल में आकर हंगामा कर रहे थे।
कांग्रेसी सांसदों के इस पर भी शांत न होने पर उनपर नियम 374ए के तहत कार्रवाई कर उन्हें पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित हुए सांसदों में कांग्रेस के युवा सांसद ज्यादा हैं, जो वेल में आकर हंगामा कर रहे थे।
इस पूरे मामले पर सुमित्रा महाजन ने कहा, 'मेरा काम यह देखना है कि सदन सुचारू रूप से चले। मैंने बार-बार यह कोशिश की थी कि यह प्लेकार्ड्स बंद कराऊं, कहीं न कहीं अच्छी शुरुआत करूं। मैं 8 दिन से इस बात को सहन कर रही थी। हद तो यह हो गई कि स्पीकर के सामने प्लेकार्ड लाए जा रहे थे। स्पीकर को शैडो करने की कोशिश की जा रही थी, जो कभी नहीं होना चाहिए। यह सभी के लिए सबक है। कठोर ऐक्शन लेना मेरी आदत नहीं है, इसलिए मैंने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।'
http://timesofindia.indiatimes.com/Monsoon-session-of-Parliament/liveblog/48324120.cms
Taking stringent action is not in my nature. That's why I called an all-party-meeting and tried my best: Sumitra Mahajan on suspension of MPs
05:03 PM
List of MPs suspended by Lok Sabha Speaker Sumitra Mahajan for disturbing the Parliament session
05:36 PM
http://publication.samachar.com/topstorytopmast.php?sify_url=http://navbharattimes.indiatimes.com/india/Lok-Sabha-Speaker-suspends-25-Congress-MPs-for-five-days/articleshow/48329370.cms
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