मिटाने को दूरियाँ –पथिक अनजाना--- 490 वीं पोस्ट
लीजिये यारों त्यौहार फिर होली का आ जावेगा
फिर से इक बार हिंदोस्तां रंगों में नहा
जावेगा
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----फिर प्रक्रिया विस्फोट की शुरू हो बिखर
जाती हैं
फिर मिटाने कोदूरियाँ यह होली यहाँ आ
जाती हैं
पथिक अनजाना
http://pathic64.blogspot.com
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