आखिर मांजरा क्या है ?
हमारे एक व्यंग्यकार मित्र हैं डॉकटर वागीश ,यथा नाम तथा गुण -संपन्न। हमने उनसे पूछा -भइआ- साहब ये अपनी कांग्रेस लालू से चुनाव पूर्ण समझौता क्यों नहीं करना चाहती।
"कांग्रेस चारा इसलिए नहीं फैंक रही है लालू के आगे क्योंकि कांग्रेस जानती है लालू चारा खा जाते हैं।"-ज़वाब मिला। माननीयन्यायालय ने भी उन्हें प्रामाणिक चारा-खोर घोषित किया था। कांग्रेस को डर है इन्हें खुला छोड़ दिया गया तो यह राजनीति का सारा चरागाह चर जाएंगे।"
वागीश जी आगे बोले तमने आजका अखबार नहीं पढ़ा -पासवान साहब के पीए ने लालूजी को रामविलास पासवान से कनेक्ट नहीं किया। ऊपर से उन्हें यही आदेश मिला था। कांग्रेस तो कांग्रेस पासवान साहब भी उनसे कन्नी काट रहे हैं। बचके निकल रहे हैं।
बद अच्छा बदनाम बुरा ,
बिन पैसे इंसान बुरा ,
काम सभी का एक ही है पर ,
लालूजी का नाम बुरा।
आलावा इसके लालू रावण की तरह अहंकारी हैं।
हमने पूछा भैया -"फिर इन्हें ज़मानत पे क्यों छोड़ा गया है चुनावी मौसम से ठीक पहले "-मोदी को खरी खोटी सुनाने (उनकी आलोचना करने ,ऐसी की तैसी बोले तो डिमोक्रेसी )करने के लिए।
जबकि लालू कबसे राहुल की चरणपादुकाएं चाट रहें हैं। एक बार लालूजी ने इस मंदमति बालक की तुलना गांधी जी से की थी। प्रत्युपन्नमति वागीश जी बोले -उनका आशय यह था मुन्ना तुम लाठी लेकर लंगोट पहन भारत भ्रमण पर निकलो प्रधानमन्त्री मैं बनूंगा। अब लालू शेफर्ड प्रधानमन्त्री के खाब (ख़्वाब )देख रहे हैं।
तैश में आकर उन्होंने कहा है -I will become a 'one day -prime minister .
कांग्रेस लालू के आगे चारा क्यों नहीं फैंक रही ?
हमारे एक व्यंग्यकार मित्र हैं डॉकटर वागीश ,यथा नाम तथा गुण -संपन्न। हमने उनसे पूछा -भइआ- साहब ये अपनी कांग्रेस लालू से चुनाव पूर्ण समझौता क्यों नहीं करना चाहती।
"कांग्रेस चारा इसलिए नहीं फैंक रही है लालू के आगे क्योंकि कांग्रेस जानती है लालू चारा खा जाते हैं।"-ज़वाब मिला। माननीयन्यायालय ने भी उन्हें प्रामाणिक चारा-खोर घोषित किया था। कांग्रेस को डर है इन्हें खुला छोड़ दिया गया तो यह राजनीति का सारा चरागाह चर जाएंगे।"
वागीश जी आगे बोले तमने आजका अखबार नहीं पढ़ा -पासवान साहब के पीए ने लालूजी को रामविलास पासवान से कनेक्ट नहीं किया। ऊपर से उन्हें यही आदेश मिला था। कांग्रेस तो कांग्रेस पासवान साहब भी उनसे कन्नी काट रहे हैं। बचके निकल रहे हैं।
बद अच्छा बदनाम बुरा ,
बिन पैसे इंसान बुरा ,
काम सभी का एक ही है पर ,
लालूजी का नाम बुरा।
आलावा इसके लालू रावण की तरह अहंकारी हैं।
हमने पूछा भैया -"फिर इन्हें ज़मानत पे क्यों छोड़ा गया है चुनावी मौसम से ठीक पहले "-मोदी को खरी खोटी सुनाने (उनकी आलोचना करने ,ऐसी की तैसी बोले तो डिमोक्रेसी )करने के लिए।
जबकि लालू कबसे राहुल की चरणपादुकाएं चाट रहें हैं। एक बार लालूजी ने इस मंदमति बालक की तुलना गांधी जी से की थी। प्रत्युपन्नमति वागीश जी बोले -उनका आशय यह था मुन्ना तुम लाठी लेकर लंगोट पहन भारत भ्रमण पर निकलो प्रधानमन्त्री मैं बनूंगा। अब लालू शेफर्ड प्रधानमन्त्री के खाब (ख़्वाब )देख रहे हैं।
तैश में आकर उन्होंने कहा है -I will become a 'one day -prime minister .
कांग्रेस लालू के आगे चारा क्यों नहीं फैंक रही ?
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (25-02-2014) को "मुझे जाने दो" (चर्चा मंच-1534) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
फेंकेगी चिंता ना करें समय का इंतजार करें :)
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