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रविवार, 27 अक्तूबर 2013

लोकतंत्र करे अपील (छंदमाला)


लोकतंत्र करे अपील (छंदमाला)
दोहा
बज रहे बड़े जोर से, चुनावी शंखनाद ।
अब साम दाम भेद से, चल रहा शाह मात ।।

सोरठा
लोकतंत्र पर्व एक, उत्सव मनाओं सब मिल ।
बढ़े देश का मान, कुछ ऐसा करें हम मिल ।।

ललित
वोट का चोट करें गंभीर, अपनी शक्ति दिखाओं ।
जो करता हो देश हित काज, उनको तुम जीताओं ।।

गीतिका
देश के सब वोटर सुनो, आ रहा चुनाव अभी ।
तुम करना जरूर मतदान, लोकतंत्र बचे तभी ।।
राजनेता भ्रष्‍ट हों जो, बंद मुख उनका करें ।
लालच चाहे जितना दें, लोभ में न कभी पड़े ।।

कुण्डलीय
हे पढ़े लिखे भद्रजन, लोकतंत्र करें अपील ।
तुम देश के रीढ़ बनो, सभी रहो हिलमील ।।
सभी रहो हिलमील, देश हित एक काम करो ।
निज काम छोड़ अभी, अपना मतदाना करो ।।
कह ‘रमेश‘ समझाय, देशहित सबसे ऊपर ।
चयन करो भले लोग, पढ़े लिखे भद्रजन हे ।।

...................................
-रमेशकुमार सिंह चौहान

3 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर प्रस्तुति।
    साझा करने के लिए धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  2. सार्थक अपील चुनाव आयोग जैसी। वोट धर्म निभाइये। अपनी शक्ति साधिये ,धारण कीजिये।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (28-10-2013)
    संतान के लिए गुज़ारिश : चर्चामंच 1412 में "मयंक का कोना"
    पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं