आदरणीय गुरुजनों और मित्रो ;
नमस्कार ;
मेरी नयी प्रेम कहानी " आंठ्वी सीढी " आप सभी को सौंप रहा हूँ ।
दोस्तों , ये हम जैसे सामान्य मनुष्यों की एक असाधारण प्रेम कथा है . कहानी का ताना बाना , जैसे हम लोगो के हर दिन के जीवन का एक हिस्सा सा है . मुझे यकीन है कि हम में से बहुत से पाठको को ये कथा अपनी सी लगेंगी . मैंने पूरी कहानी को एक वृहद कैनवास पर cinematic visualisation के साथ लिखा है . कहानी frame by frame चलती है. मेरा मानना है कि आपको ये कथा जरुर अपनी सी लगेंगी और निसंदेह अच्छी लगेंगी .
लिंक है : http://storiesbyvijay.blogspot.in/2013/10/blog-post.html
दोस्तों ; कहानी कैसी लगी पढ़कर बताईये , कृपया अपने भावपूर्ण कमेंट से इस कथा के बारे में ; मेरे blog पर लिखिए और मेरा हौसला बढाए । कृपया अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . आपकी राय मुझे हमेशा कुछ नया लिखने की प्रेरणा देती है . और आपकी राय निश्चिंत ही मेरे लिए अमूल्य निधि है.
आपका बहुत धन्यवाद.
आपका अपना
विजय
+91 9849746500
vksappatti@gmail.com
नमस्कार ;
मेरी नयी प्रेम कहानी " आंठ्वी सीढी " आप सभी को सौंप रहा हूँ ।
दोस्तों , ये हम जैसे सामान्य मनुष्यों की एक असाधारण प्रेम कथा है . कहानी का ताना बाना , जैसे हम लोगो के हर दिन के जीवन का एक हिस्सा सा है . मुझे यकीन है कि हम में से बहुत से पाठको को ये कथा अपनी सी लगेंगी . मैंने पूरी कहानी को एक वृहद कैनवास पर cinematic visualisation के साथ लिखा है . कहानी frame by frame चलती है. मेरा मानना है कि आपको ये कथा जरुर अपनी सी लगेंगी और निसंदेह अच्छी लगेंगी .
लिंक है : http://storiesbyvijay.blogspot.in/2013/10/blog-post.html
दोस्तों ; कहानी कैसी लगी पढ़कर बताईये , कृपया अपने भावपूर्ण कमेंट से इस कथा के बारे में ; मेरे blog पर लिखिए और मेरा हौसला बढाए । कृपया अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . आपकी राय मुझे हमेशा कुछ नया लिखने की प्रेरणा देती है . और आपकी राय निश्चिंत ही मेरे लिए अमूल्य निधि है.
आपका बहुत धन्यवाद.
आपका अपना
विजय
+91 9849746500
vksappatti@gmail.com
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (10-10-2013) "दोस्ती" (चर्चा मंचःअंक-1394) में "मयंक का कोना" पर भी है!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'