राजनीतिज्ञ,
कुशल अभिनेता,
मूक दर्शक।
कुटनीतिज्ञ
कुशल राजनेता
मित्र ही शत्रु
शकुनी नेता
लोकतंत्र चौसर
बिसात लोग
लोकराज है
लोभ मोह में लोग
क्यो करे शोक
अपनत्व है ?
देश से सरोकार ?
सब बेकार ।
सपना देखे
मेरे वीर शहीद
मिले आजादी ?
आजादी कैसी
विचार परतंत्र
वाह रे तंत्र
गांधी विचार
कैसे भरे संस्कार
कहां है खादी ?
विकास गढ़े
हर चेहरा पढ़े
मानव कढ़े
कुशल अभिनेता,
मूक दर्शक।
कुटनीतिज्ञ
कुशल राजनेता
मित्र ही शत्रु
शकुनी नेता
लोकतंत्र चौसर
बिसात लोग
लोकराज है
लोभ मोह में लोग
क्यो करे शोक
अपनत्व है ?
देश से सरोकार ?
सब बेकार ।
सपना देखे
मेरे वीर शहीद
मिले आजादी ?
आजादी कैसी
विचार परतंत्र
वाह रे तंत्र
गांधी विचार
कैसे भरे संस्कार
कहां है खादी ?
विकास गढ़े
हर चेहरा पढ़े
मानव कढ़े
कुटनीतिज्ञ
जवाब देंहटाएंकुशल राजनेता
मित्र ही शत्रु
शकुनी नेता
लोकतंत्र चैसर
(चौसर )
बिसात लोग
बढ़िया
हाइकू
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (01-11-2013) ना तुम, ना हम-(चर्चा मंचः अंक -1416) "मयंक का कोना" पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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धनतेरस (धन्वन्तरी महाराज की जयन्ती) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'