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कुछ दोहे
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यह “आपका ब्लॉग” है, अपना समझो मित्र।
अन्य ब्लॉग के लिंक का, यहाँ न छिड़को इत्र।।
जिसको साझा कर लिया, करो उसे स्वीकार।
सौतेला सा मत करो, उससे तुम
व्यव्हार।।
कहलायेगी आपकी, पोस्ट आपका नाम।
एक पोस्ट को सब जगह, देते क्यों आयाम।।
क्षमता का कर आकलन, शक्ति का उपयोग।
पुनरावृत्ति देख कर, हँसी उड़ाते लोग।।
टिप्पणियों के वास्ते, लिखना मत साहित्य।
चलती है वो लेखनी, जिसमें हो लालित्य।।
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(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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मित्रों! आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
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शुक्रवार, 15 नवंबर 2013
"दोहे-आपका ब्लॉग" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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:) सुंदर !
जवाब देंहटाएंसुन्दर व सटीक दोहे .......
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