सवाल आपकी सेहत के ज़वाब माहिरों के (तीसरी क़िस्त )
प्रश्न :कैसे करें फ्ल्यू और कोल्ड से बचाव
उत्तर :फ्ल्यू वेक्सीन (फ्ल्यू का बचावी टीका )हर साल लगवाना अकलमंदी का काम है भले यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं है लेकिन ये पेचीला रुख इख्तियार कर सकता है खासकर शिशु और उम्रदराज़ हो चले लोगों के मामले में।
The current Centers for Disease Control and Prevention (CDC )recommendation is that all persons 6 months and older should receive the influenza vaccine every year .
वजह इसकी यह है ,फ्ल्यू का वायरस हर साल अपनी फितरत बदल लेता है। इसीलिए तदनुरूप टीके में भी बदलाव किए जाते हैं।
टीके से जुड़ा मिथ :
कई लोगों को यह भ्रांत धारणा है ,टीका लगवाने से भी फ्ल्यू हो जाता है। यह निराधार है क्योंकि वायरस इस्तेमाल से पहले ही मृत होता है।
The injectable virus is already attenuated (killed ) ,it can not cause you to get the flu .
अलबत्ता एक इम्यून प्रतिक्रिया के तहत Low fever और पेशियों की दुखन हो सकती है।
हवा में मौज़ूद रहता है फ्ल्यू वायरस इसलिए फ्ल्यू और कोल्ड से बचे रहना तो सदैव मुमकिन नहीं रहता क्योंकि इसकी छूत (संक्रमण ,infection )उन लोगों से भी लग सकता है जिनमें रोग का कोई प्रगट लक्षण नहीं होता है।
बचाव में ही बचाव है :
(१) बारहा हाथ धोयें ,आलस्य न करें।
(२) छींक या खांसी आने पे हाथों की हथेलियों से चेहरा न ढांपे ,कुहनियों में मुंह छिपाएँ।
(३) आँख और मुंह पे अपने हाथ न लगाएं।
(४) जो लोग "कोल्ड" या "फ्ल्यू" के असर में हैं उनसे ज़रा दूर ही रहें लाड़ न दिखाएँ।
(५ )जन स्थानों पर चीज़ों को न छूएं मसलन एलिवेटर की रेलिंग ,डोर नोब्स ,पब्लिक टेलीफोन आदि।
(६) धूम्रपान बिलकुल न करें ,धूएं से भी बचें।
(७) घर में यदि किसी को फ्ल्यू का असर है तो सभी उन चीज़ों की सतह पे disinfectant छिड़क दें जो सांझा इस्तेमाल की हैं।
(८ ) बच्चों को एक ही खिलौने से न खेलने दें यदि किसी भी एक को फ्ल्यू संक्रमण लग गया है तो। हमबिस्तर न होनें दें।
(९ )फ्ल्यू की चपेट में आने पर छुट्टी लेकर घर बैठें इसका आपको भी फायदा होगा औरों को भी।
Once you feel the symptoms coming on -scratchy throat ,headache ,sneezing and coughing -it is best to treat only the most annoying symptoms .
एंटीबायटिक्स और फ्ल्यू :
Acute URI (respiratory tract infections )में चार हज़ार के पीछे एक चांस रहता है एंटीबायटिक्स ऊपरी श्वसन क्षेत्र के संक्रमण में लक्षणों की उग्रता को कम करेंगे।
Antibiotics can lead to more resistant infection that are harder to treat .Antivirals may help in treating the flu if taken within 48 hrs of the first symptoms.
यदि बुखार तीन दिन से ज्यादा दिनों के लिए बना रहता है ,हफ्ता बीतने पर भी लक्षणों का शमन नहीं हो रहा है ,सांस लेने में तकलीफ हो रही है ,बुखार बना रहता है हर समय ,मचली (मितली ,कै ,उलटी ),सटकने में दर्द है कुछ भी चीज़ ,खांसी बनी हुई है ,सर दर्द है तब यह न्यूमोनिया के भी लक्षण हो सकते हैं। मामला ऐसे में बहुत गम्भीर रुख ले सकता है। ऐसे में अविलम्ब किसी MD DR के पास पहुंचे। चिकित्सा माहिर के पास ही जाएं। नीमहकीम खतरा -ए -जान।
(ज़ारी )
प्रश्न :कैसे करें फ्ल्यू और कोल्ड से बचाव
उत्तर :फ्ल्यू वेक्सीन (फ्ल्यू का बचावी टीका )हर साल लगवाना अकलमंदी का काम है भले यह कोई खतरनाक बीमारी नहीं है लेकिन ये पेचीला रुख इख्तियार कर सकता है खासकर शिशु और उम्रदराज़ हो चले लोगों के मामले में।
The current Centers for Disease Control and Prevention (CDC )recommendation is that all persons 6 months and older should receive the influenza vaccine every year .
वजह इसकी यह है ,फ्ल्यू का वायरस हर साल अपनी फितरत बदल लेता है। इसीलिए तदनुरूप टीके में भी बदलाव किए जाते हैं।
टीके से जुड़ा मिथ :
कई लोगों को यह भ्रांत धारणा है ,टीका लगवाने से भी फ्ल्यू हो जाता है। यह निराधार है क्योंकि वायरस इस्तेमाल से पहले ही मृत होता है।
The injectable virus is already attenuated (killed ) ,it can not cause you to get the flu .
अलबत्ता एक इम्यून प्रतिक्रिया के तहत Low fever और पेशियों की दुखन हो सकती है।
हवा में मौज़ूद रहता है फ्ल्यू वायरस इसलिए फ्ल्यू और कोल्ड से बचे रहना तो सदैव मुमकिन नहीं रहता क्योंकि इसकी छूत (संक्रमण ,infection )उन लोगों से भी लग सकता है जिनमें रोग का कोई प्रगट लक्षण नहीं होता है।
बचाव में ही बचाव है :
(१) बारहा हाथ धोयें ,आलस्य न करें।
(२) छींक या खांसी आने पे हाथों की हथेलियों से चेहरा न ढांपे ,कुहनियों में मुंह छिपाएँ।
(३) आँख और मुंह पे अपने हाथ न लगाएं।
(४) जो लोग "कोल्ड" या "फ्ल्यू" के असर में हैं उनसे ज़रा दूर ही रहें लाड़ न दिखाएँ।
(५ )जन स्थानों पर चीज़ों को न छूएं मसलन एलिवेटर की रेलिंग ,डोर नोब्स ,पब्लिक टेलीफोन आदि।
(६) धूम्रपान बिलकुल न करें ,धूएं से भी बचें।
(७) घर में यदि किसी को फ्ल्यू का असर है तो सभी उन चीज़ों की सतह पे disinfectant छिड़क दें जो सांझा इस्तेमाल की हैं।
(८ ) बच्चों को एक ही खिलौने से न खेलने दें यदि किसी भी एक को फ्ल्यू संक्रमण लग गया है तो। हमबिस्तर न होनें दें।
(९ )फ्ल्यू की चपेट में आने पर छुट्टी लेकर घर बैठें इसका आपको भी फायदा होगा औरों को भी।
Once you feel the symptoms coming on -scratchy throat ,headache ,sneezing and coughing -it is best to treat only the most annoying symptoms .
एंटीबायटिक्स और फ्ल्यू :
Acute URI (respiratory tract infections )में चार हज़ार के पीछे एक चांस रहता है एंटीबायटिक्स ऊपरी श्वसन क्षेत्र के संक्रमण में लक्षणों की उग्रता को कम करेंगे।
Antibiotics can lead to more resistant infection that are harder to treat .Antivirals may help in treating the flu if taken within 48 hrs of the first symptoms.
यदि बुखार तीन दिन से ज्यादा दिनों के लिए बना रहता है ,हफ्ता बीतने पर भी लक्षणों का शमन नहीं हो रहा है ,सांस लेने में तकलीफ हो रही है ,बुखार बना रहता है हर समय ,मचली (मितली ,कै ,उलटी ),सटकने में दर्द है कुछ भी चीज़ ,खांसी बनी हुई है ,सर दर्द है तब यह न्यूमोनिया के भी लक्षण हो सकते हैं। मामला ऐसे में बहुत गम्भीर रुख ले सकता है। ऐसे में अविलम्ब किसी MD DR के पास पहुंचे। चिकित्सा माहिर के पास ही जाएं। नीमहकीम खतरा -ए -जान।
(ज़ारी )
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