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रविवार, 29 दिसंबर 2013

कांग्रेस बोले तो करप्ट पार्टी

कांग्रेस बोले तो करप्ट पार्टी

कांग्रेस पार्टी करप्ट पार्टी के रूप में बदनाम (मशहूर )हो चुकी है। इसलिए कांग्रेस आदर्श स्केम के गिर्द गिरिफ्त में आये महाराष्ट्र के कांग्रेसियों (मौसेरे  भाइयों )को हटाने का नाटक तो कर सकती है लेकिन नैतिक बल  अब कांग्रेस के पास कहाँ  हैं?

यसवंत रॉय बलवंत राय चव्हाण  की वंशवेल दिल्ली के कांग्रसियों की तरह पूंछ हिलाने वाली कांग्रेस नहीं  है। महाराष्ट्र कांग्रेस एक दम से सत्ता पर  से पाँव हटाने वाली कांग्रेस नहीं है भले सुशील  कुमार शिंदे महाराष्ट्र के एक मज़बूत साख एवं नैतिक आंच वाले नेता नहीं हैं ,लेकिन शरद पवार होने का आज भी कुछ कुछ न कुछ मतलब ज़रूर है। अशोक चव्हाण ,पृथीराज चव्हाण एक ही कुनबा है अलग नहीं हैं।

केंद्र की कमज़ोर कांग्रेस महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं को हटाने का नाटक तो कर सकती है लेकिन उसको हटाने का एक नैतिक साहस करप्ट कांग्रेस (पर्याय वाची है आज कांग्रेस का )के पास नहीं है। न ही महारष्ट्र के कांग्रेसी झोला छाप है। जो राहुल की भभकी में आ जाएँ।

एक तरफ कांग्रेस केजरीवाल से बे -हद डरी  हुई है। दूसरी तरफ मोदी का खौफ उन्हें  संविधानिक सीमाओं का संज्ञान भी नहीं लेने दे रहा है। सीमाओं का अतिक्रमण कर वे इस या उस बिना पर मोदी को घेरना चाहते हैं। ये सब कांग्रेस की बौखलाहट के लक्षण हैं।

कांग्रेस बोले तो करप्ट पार्टी


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