दुनिया मात्र बारात हैं ४२९
बुद्धिमता की सर्वोच्च पहचान क्या होती है
सजाया
कैसे उत्तम ढंग से जीवन मोती हैं
समझ
सोच व निर्णय क्या इंसा के हाथ हैं
हालात
.हार्दिक लोभ दिलाते शह या मात हैं
चातुर्य
प्रदर्शन मंच दुनिया उसके साथ हैं
जब
भोगते तब माने दुनिया मात्र बारात हैं
वाह ! अनुराग-वैराग्य का सुन्दर समागम ! भौतिकवाद की ओर संकेत !!
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