दुनिया मात्र बारात हैं ४२९
बुद्धिमता की सर्वोच्च पहचान क्या होती है
सजाया
कैसे उत्तम ढंग से जीवन मोती हैं
समझ
सोच व निर्णय क्या इंसा के हाथ हैं
हालात
.हार्दिक लोभ दिलाते शह या मात हैं
चातुर्य
प्रदर्शन मंच दुनिया उसके साथ हैं
जब
भोगते तब माने दुनिया मात्र बारात हैं
वाह ! अनुराग-वैराग्य का सुन्दर समागम ! भौतिकवाद की ओर संकेत !!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (24-12-13) को मंगलवारीय चर्चा 1471 --"सुधरेंगे बिगड़े हुए हाल" पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'