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सोमवार, 7 अक्टूबर 2013
डा श्याम गुप्त के उपन्यास 'इंद्रधनुष' की समीक्षा..............
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इन्द्रधनुष,
उपन्यास
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बढ़िया प्रस्तुति-
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की मंगल कामनाएं-
सादर
धन्य्वाद रविकर....
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (08-10-2013) मंगलवारीय चर्चा---1292-- वो पंख अब भी संभाले रखे हैं मैंने .... में "मयंक का कोना" पर भी है!
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
शारदेय नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद शास्त्रीजी......आभार
हटाएंबहुत बढ़िया जानकारी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कविता जी......
हटाएंधन्यवाद शास्त्रीजी, रविकर जी एवं कविता जी....
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