मित्रों!

आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं।

बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए।


फ़ॉलोअर

सोमवार, 1 जून 2015

मुझसे रुठोगे अगर तुम तो किधर जाऊंगा

...
.
मुझसे रुठोगे अगर तुम तो किधर जाऊंगा,
मैं हूँ आईना जो टूटा तो बिखर जाऊँगा |

.
. कुछ खलिश होगी तुझे दिल को बदलने वाले,
दिल में चाहत तो रहेगी मैं जिधर जाऊँगा |
.
लोग कहते हैं नशा गम को भुला देता है,
जो भी मैखाना मिलेगा मैं उधर जाऊँगा |
.
रौशनी देती शमा खुद को जला देती है ,
यूँ वफ़ा सबसे निभाओ तो सिहर जाऊँगा |
.
मैंने वादा जो किया तुमसे दिलो जाँ बनकर,
तुम भी दे दो जिगर अपना मैं निथर जाऊँगा |


हर्ष महाजन

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें