पाँच क्षणिकाएँ
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(1)
'परिवर्तन'
जीवन में परिवर्तन
जरूरी होता है
उसे उत्कृष्ट
बनाने के लिए
जैसे,
कुछ समय पहले
अपनी ही रची हुई
कविता में
परिवर्तन करना।
(2)
'कब्र में'
ज़िन्दगी के दरवाजे पर
हलचल कर रही है मौत
अन्त समय में
ठंडक कुछ
ज़्यादा ही
सता रही है मुझे
समेंटकर रख लूँ इसे
सुना है कब्र
में
बड़ी गर्मी पड़ती है
तब
शायद ये
कुछ काम आये मेरे।
(3) '
बिजली का बिल'
बिजली का बिल घर आया
तो मालूम हुआ
रौशनी पैसे से आती है
न पैसा, न
बिजली
अब कुछ भी नहीं है मेरे पास।
(4)
'अलाव'
सर्द तेज हवाओं से
रात भर खौफ
खाता रहा
अलाव सोचा
ठंडक में गर्मी दूँ
या खुद को ठंडक से बचाऊँ।
(5)
'धूप
का इंतजार'
तुम्हें धूप दिखे
तो बता देना
उसे मेरे घर का पता
कहना,
बहुत से नहाये हुये कपड़े
सूखने को पड़े हैं
तुम्हारे इंतजार में।
- अमन चाँदपुरी
मेरा परिचय--
वास्तविक नाम- अमन सिंह
जन्मतिथि- 25 नवम्बर 1997
जन्म स्थान- ग्राम व पोस्ट - चाँदपुर, टांडा, अम्बेडकर नगर
शिक्षा- बी. ए.
पिता - श्री सुनील कुमार सिंह
लेखन- 15 मई 2012 से
विधाएं- कविता, क्षणिका, हाइकु
सम्पर्क- ग्राम व पोस्ट - चाँदपुर, टांडा,
अम्बेड़कर नगर, यू.पी.
मोबाईल - +919721869421
मेल- kaviamanchandpuri@gmail.com
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शनिवार, 27 जून 2015
"पाँच क्षणिकाएँ" (अमन चाँदपुरी)
लेबल:
अमन चाँदपुरी,
पाँच क्षणिकाएँ
कवि, लेखक, सम्पादक और फ़ोटोग्राफर। 'दोहा सम्राट' एवं 'कुंडलियां शिरोमणि' की मानद उपाधियों सहित दर्जनों पुरस्कार एवं सम्मान से अलंकृत। 'दोहा दर्पण' पुस्तक का सम्पादन।
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