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मंगलवार, 23 जून 2015

स्वामी असत्यानन्द केजरीवाल की बेशर्मी भरी भाषा

स्वामी असत्यानन्द केजरीवाल की बेशर्मी भरी भाषा

दिल्ली विधानसभा के  सत्र का पहला दिन केजरीवाल की वक्र भाषा के साथ शुरू हुआ और बिना कोई काम निपटाये समाप्त हो गया। केजरीवाल अपनी बेशर्मी भरी वक्र भाषा बोलते रहे । बानगी देखिये -अगर जो कुछ चैनलिये कह रहे हैं वह वाकई सच है तो भी मैंने नैतिकता के आधार पर जीतेन्द्र तोमर (क़ानून मंत्री आप सरकार के जिन्हें १५ दिन की पुलिस रिमांड पे ले लिया गया है )का इस्तीफा ले लिया है। अगर जो कुछ अखबार लिख रहें हैं वह सच है तो भी मैंने नैतिकता के आधार पर …। यही स्वामी असत्यानन्द जी कल तक यही कह रहे थे -मैंने तोमर की सभी डिग्रीयां देख लीं हैं ,सब असली हैं अब देखने को कुछ बाकी नहीं है। अब अपनी वक्र जुबान में कहे जा रहें हैं अगर डिग्रीयां वास्तव में नकली हैं तो भी मैंने तो नैतिकता के आधार पर …।

साथ ही बेशर्मी भरी भाषा बोलते हुए प्रधानमन्त्री को अपनी केजरीवालीय नैतिकता की दुहाई देते हुए ये सीख भी दे दी है -प्रधानमंत्री जी ललित मोदी के मुद्दे पे आपके  कई मंत्री भी आपसे झूठ बोल रहें हैं.नैतिकता के आधार पर मेरी तरह आप भी उनका इस्तीफा लेकर रख लो।

विधानसभा में 'आप 'पार्टी के कुल ६७ सदस्य हैं ,तीन भाजपा के और कांग्रेस को एक भी सदस्य नहीं हैं। जब भाजपा के ओम प्रकाश शर्मा बोलने के खड़े हुए तो 'आप 'नियुक्त विधानसभा अध्यक्ष  ने उन्हें डाट कर बिठा दिया। जब वह अपनी बात कहने के लिए फिर खड़े हुए उन्हें मार्शलों से धक्के देकर बाहर निकलवा दिया।जैसे वह विधानसभा सदस्य न होकर एमएलए न होकर कोई बाहरी व्यक्ति हों और सदन में घुस आये हों।  इस प्रकार सदन के पहले दिन ही 'आप 'के विशाल बहुमत के बीच भी कोई काम नहीं हो सका। 'आप ' का तानाशाही रवैया और केजरी की वक्र भाषा ही मुखरित होती रही।अखबारों में केजरी के इसी तानाशाही रवैये की चर्चा है।  

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