उसका बदन छूकर कोई बयार आएगा
फिर खामोश आॅखों में प्यार आएगा
ओ पराई चीज है उसे ेमत ही ले तू
बदनामी होगी अगर चैकीदार आएगा
यूं न देख आॅखों में आॅखें डालकर
उसने तीर छोड़ा तो दिल के पार आएगा
इतना
जुल्म न करो ओ महलों वालों
हिसाब लेने मजलूमों का सरदार आएगा
जो जाहील है आवाम भी उसी की मुरीद है
जो पिछली बार लूटा वही सरकार आएगा
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