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बुधवार, 30 सितंबर 2015

भारतीय राजनीति की आज की हेलन


भारतीय राजनीति की आज की हेलन


Sanjay Dwivedy की फ़ोटो.
Sanjay Dwivedy
आजकल एक टीवी सीरियल आ रहा है 'अशोका', काफ़ी अच्छा धारावाहिक है जिसमे चंद्रगुप्त का पौत्र एवं बिंदुसार का पुत्र, अशोक के जीवन का चरित्र चित्रण किया गया है।
अशोक की माता धर्मा एक धर्मपरायण और कर्तव्यनिषठ ब्राह्मण स्त्री है, जो अशोक को आदर्श, सही ग़लत, न्याय- अन्याय का बोध कराते हुए कर्तव्य के पथ पर चलने की प्रेरणा देती रहती है। उस समय भी यूनानी और खुरासनी पूरी साज़िशें करते हैं सीधे साधे भारत पुत्र अशोक के खिलाफ। इसमें एक राजमाता हेलेना का चरित्र है जो यूनानी है और चंद्रगुप्त से विवाह के पश्चात्, जो रानी बनी और बाद में जिन्हें राजमाता का दर्जा मिला है और अपनी पूरी जीवन मगध में गुज़ारने के बावजूद मगध को कभी दिल से नहीं अपना सकी और इसके खिलाफ साजिशे ही करती रहतीं हैं। इनके मन में एक सपना है िक अपने पुत्र को मगध के सिंहासन पर देखना चाहती हैं। इरादे इतने ख़तरनाक कि अपना मक़सद प्राप्त करने के लिये, अपने पुत्र की गर्दन भी काट सकती है। इनकी साज़िशों की थाह किसी भी आम इंसान को नहीं मिलती, सिर्फ़ चाणकय के अलावा, जो कि चतुर राजनैतिज्ञ एवं दूरदर्शी था, जो मौर्य वंश का संस्थापक और सरंक्षक भी था और जिसकी प्रखर बुद्धि एवं विद्वता की वजह से ही मगध सुरक्षित रह पाया वरना बहुत पहले ही इनकी साज़िशों का शिकार हो गया होता ।
बात चाहे दो हज़ार वर्ष पुरानी हो या अभी हो ज़्यादा कुछ नहीं बदला है। आज भी हमारे पास एक यूनानी हैं, सोनिया जो कि माफ़िया के जन्मदाता देश एवं पोप का आशीर्वाद लेकर इटली से आई हैं। राजीव गांधी से विवाह के पश्चात इस देश की कहने के लिये रानी तो नहीं, पर इससे कम भी नहीं और आजकल राजमाता हैसियत रखती हैं, जो कि देश पर सबसे ज़्यादा सालों तक शासन करने वाली पार्टी की अध्यक्षा है और जो देश की सबसे ज़्यादा पावरफुल महिला है लेकिन वो इस देश को कभी दिल से अपना नहीं पाई और इसे जमकर लूटने के अलावा कुछ नहीं किया। इनके मन में भी अपने निकम्मे और कमअक्ल पुत्र को किसी भी तरह से देश की सत्ता के सर्वोच्च शिखर पर देखना चाहती है जिसके लिये किसी भी हद तक जा सकती है, पर इस बार हमारे पास कोइ चाणक्य नहीं है। ध्यान से देखिये और फिर सोचिये क्या आपको रानी हेलेना में सोनिया की झलक नहीं दिखाई देती...

एक प्रतिक्रिया उक्त पोस्ट पर :

वर्तमान हेलन(सेलुकस की बेटी ) की साजिशें किसी से छिपी नहीं हैं। दो हज़ार वर्ष पहले की हेलन तो कुछ समझदार थी पर वर्तमान हेलन बौद्धिक दृष्टि से पूरी दिवालिया  है,उसका पुत्र इस दिवालयेपन में अपनी हेलन माँ से  चार कदम और आगे है। समझ से बाहर की बात तो ये है ,डॉ.करण सिंह सरीखे भारतीय दर्शन के उद्भट विद्वान होते हुए भी इस हैलन  के मातहत काम कैसे कर रहें हैं।

भारत में चाणक्य बुद्धि के एक और महानुभाव हैं,जो पंडित नेहरू से लेकर उस वंश की सारी कहानी अच्छी तरह जानते हैं। वो हेलन और उस के बेटे को भी ब-खूबी समझते हैं और उनका नाम है श्री सुब्रामनियम स्वामी।

भारतीय राजनीति की आज की हेलन   

प्रखर राष्ट्रवादी नरेंद्र दामोदर मोदी भारतधर्मी समाज का नेतृत्व चाणक्य बुद्धि से ही कर रहें हैं। 

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