कहते है अच्छा हो रहा हैं अच्छा हुआ व अच्छा होगा
गर विचार को दीप- स्तम्भ बनाये तो सदा मुस्करायेंगें
दौडे सिर्फ जरूरतों हेतू न किंग मेकर अम्बानी कहलायें
किंग मेकर का धन जाहिर नेताओ का धन कहरजहर हैं
दौलत अम्बार पर न सोना दुखियारों के साथ खडे होना
जब न मानते अपना कुछ कैसे दुख कोई तुम्हें दे पावेगा
पथिक अनजाना
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