क्या जरुरी है की
इश्क करें
और बेकरार हो जाएँ
चोरी करें और फरार हो जाएँ
जुर्म करें
और गिरफ्तार हो जाएँ
भलाई करें
और कुसूरवार हो जाएँ
इंतजार करें
और चौकीदार हो जाएँ
दिन काटें सोकर
और बेकार हो जाएं
देते रहें मशवरें
और सलाहकार हो जाएँ
बिक जाएँ सियासत में
और पत्रकार हो जाएँ
बन जाएँ सनसनीखेज खबर
और अखबार हो जाएँ
क्या जरुरी है
की हम लड़ें अपने हक के लिए
और गुनाहगार हो जाएँ
इस से तो भला है
हम चुप रहें आँखें मूंदकर
और भारत की सरकार हो जाएँ
क्या तुक बनाई है---सुन्दर है जी.....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया
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