दिखा कर ढोंग तुम-पथिकअनजाना-576वीं पोस्ट
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दिखा कर ढोंग
तुम
छा
कर
दिल दिमाग पर चाहो
तो लूट लो
उनकी आंखें
बेइन्तहा आंसु खोती हैं कहते जिसे झिरते मोती हैं
बताकर कानून
का खौफ रूप तुम यारों जिसे जी चाहे लूट लो
लूट सब कुछ
सकते हो यहाँ गर तुम लूटने का इरादा रखते हो
नही लेशमात्र
लूट सकते यादों के खजाने से चाहे दम रखते हो
इतिहास गलत
हो सकता लिखी किताबों पर भी यकीन नही
संभवत: यह सब
कभी कभी भाटों से प्रशंसा खरीद ली गई हैं
पर जो दर्ज
जाती पीढियों के दिलों में हो नही वह गलत होता
हकीकत हो
जाननी छन तभी आवेगा जब लगायें इनम़ें गोता
सब कुछ खो
सकता पर सच्चाई जीवित जहाँ मौजूद हो श्रोता
पथिकअनजाना
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