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गुरुवार, 17 अप्रैल 2014

अब नरेंद्र मोदी पर बॉलिवुड में छिड़ा वॉर

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अब नरेंद्र मोदी पर बॉलिवुड में छिड़ा वॉर


मुंबई
लोकसभा चुनावों का खुमार अब बॉलिवुड पर भी पूरी तरह से चढ़ता नजर आ रहा है। पहली बार हिंदी सिनेमा जगत भी मोदी समर्थक और मोदी विरोधी जैसे दो खेमों में बंटता हुआ दिख रहा है। इंडस्ट्री की कुछ जानी-मानी हस्तियों द्वारा लोगों से देश के सेक्युलर ढांचे को बचाए रखने के लिए सोच-समझ कर वोट करने की अपील किए जाने के बाद फिल्म जगत की कुछ हस्तियों ने ट्विटर पर इस अपील की आलोचना करते हुए इसे मोदी विरोधी अभियान करार दिया है। ये हस्तियां इस अपील के जवाब में सीधे-सीधे मोदी के समर्थन में उतर आईं हैं।

(मधुर भांडारकर)
FILM DIRECTOR MADHUR BHANDARKAR.JPG


फिल्मकार मधुर भंडारकर ने ट्वीट किया कि उन्हें यह देखकर आश्चर्य हो रहा है कि उनके कुछ मित्र 'विभाजनकारी' ताकतों को रोकने के नाम पर खुद बॉलिवुड जैसी सेक्युलर जगह को बांटने का काम कर रहे हैं।

भंडारकर ने कहा, 'एक ऐसे आदमी पर व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं, जिसने किसी भी दूसरे नेता के मुकाबले अपने राज्य के लिए बहुत ज्यादा किया है। इससे साजिश की बू आती है। मैं उम्मीद करता हूं कि आगे सब अच्छा हो और हमारी फिल्म इंडस्ट्री बड़े बहुमत से नरेंद्र मोदी को चुने।'

अनुपम खेर भी खुल कर मोदी के समर्थन में आए और उन्होंने ट्वीट किया, 'चूंकि मेरे कुछ मित्र लोगों को यह बता रहे हैं किसके लिए वोट करें तो यह भी जरूरी हो जाता है कि लोगों को बताया जाए कि देश की भलाई के लिए नरेंद्र मोदी को वोट करें।'

आपको बता दें कि अनुपम खेर की पत्नी किरण खेर चंडीगढ़ से बीजेपी की कैंडिडेट हैं।

इससे पहले बॉलिवुड के एक बड़े और प्रभावशाली वर्ग ने साफ तौर पर एक पॉलिटिकल स्टैंड दिखाया है। विशाल भारद्वाज, इम्तियाज अली, जोया अख्तर, कबीर खान, शुभा मुद्गल और विजय कृष्ण आचार्य जैसे नए विचारों को जगह देने वाले उदार और युवा फिल्मकारों के इस समूह ने लोगों से देश के सेक्युलर ढांचे को बचाए रखने के लिए सोच-समझ कर वोट करने की अपील की है।

इस अपील में कहा गया है, 'देश से प्यार करने वाले भारतीय नागरिक होने के नाते हम आपसे अपील करते हैं कि आप अपने क्षेत्र में उस सेक्युलर पार्टी को वोट करें जिसकी जीतने की संभावना सबसे ज्यादा हो।'

आपको बता दें कि हॉलिवुड में इस तरह का चलन को काफी समय से रहा है, लेकिन बॉलिवुड में पहली बार ऐसा हुआ है कि इस इंडस्ट्री के बड़े नामों ने एकजुट होकर लोगों से ऐसी अपील की है।

इस सोच को आकार देने वाले अंजुम राजाबली ने बताया कि उन्हें युवा फिल्मकारों द्वारा इस मुहिम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने से काफी सुखद आश्चर्य हो रहा है। राजाबली ने कहा कि उन्हें अब जाकर यह महसूस हुआ कि ये लोग न सिर्फ राजनीतिक रूप से जागरूक हैं, बल्कि इसके लिए अपना योगदान देने के लिए भी तैयार रहते हैं।

इस अपील को अपना समर्थन देने वालीं ऐक्ट्रेस नंदिता दास ने कहा, 'मैं आज जो भी हूं, वह इसी सेक्युलर ताने-बाने की वजह से हूं। लेकिन मुझे लगता है कि देश के मौजूदा माहौल से कई और लोगों को भी यह अहसास हो रहा होगा कि जिस चीज को वे आसानी से हासिल कर रहे हैं, उस पर खतरा मंडरा रहा है। इसलिए ऐसे मामलों में चुप्पी साधे रहने वाली इंडस्ट्री द्वारा ऐसा वक्त में यह अपील करना और भी लाजमी हो जाता है।'

अपील को अपना समर्थन दे रहे जाने-माने फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा कि उनका मानना है कि एक कलाकार गैर-राजनीतिक नहीं हो सकता, हालांकि साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इस अपील का यह मतलब नहीं है कि यह पूरी इंडस्ट्री की आवाज है। उन्होंने कहा कि बॉलिवुड बहुत बड़ी इंडस्ट्री है और यहां भी लोगों के अलग-अलग मत हो सकते हैं।



असल सवाल यह है इस देश में सेक्युलर है कौन ?


(१ )क्या वे जो कहते हैं इस देश की संपत्ति पर पहला हक़ मुसलामानों 

का है 

या वे 

(२)जो शाहबानो का गुज़ारा भत्ता खा गए संविधान संशोधन ले आये 

अल्पसंख्यक वोट के नाम पर 

(३ ) क्या जवाहरलाल नेहरू और उनके काल शेष होते कुनबे को सेकुलर 

कहा जाए जो कश्मीर का मुद्दा यू एन ओ में ले गए अपनी आलमी छवि 

बनाये रखने को ?

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (17-04-2014) को "गिरिडीह लोकसभा में रविकर पीठासीन पदाधिकारी-चर्चा मंच 1584 में अद्यतन लिंक पर भी है!
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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