यारों दिन जिन्दगी के यहाँ इतने कम हैं कि
जागो उन्हैं बीते कल की यादों में न यूं बीता दो
मुश्किलों का
कम फासला हैं जिसे तुरन्त जीतो
मुश्किलों
की
बेमिसाल यादगार तुम बना दो
न सोचो बैठ
खुदा रची दुनिया तेरी यह कैसी हैं
कोई हर
बात में इज्जत या बेइज्जत होता हैं
कोई ताउम्र
बहाता पसीना नही स्थान पाता हैं
नाम कोई मरने
बाद, कोई नामी बदनाम होता
निगाहों में
खुद की सही हो जाँच परख के बाद
हालातों को
रख नजर फैसला मान दिलावेगा
पथिक अनजाना
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