इंसानी दंपत्ति के जीवन की यही तो सच्ची कहानी हैं
युगल- दंपत्ति के संपर्क से जन्मी
सृष्टि अनजानी हैं
चहकता हर कोना व आती नई पौध से खूश्बू दीवानी हैं
युवा पुत्री के ब्याहने बाद रचियता के ध्यान समानी हैं
युवा पुत्र के ब्याहने पर खोते नियंत्रण छाती परेशानी है
इक रहे दूर पर ध्यान मे पास दूजा पास पर होता दूर हैं
ताकीद जो की थी पिता ने खुद पिता भी बिसार देता हैं
नई दुनिया में भेज बहाने मार्गदर्शन संतान को रूलाता हैं
न समझने देता दुनिया कैसे आदर्श पिता वह कहलाता हैं
पुत्र दंपत्ति को रचने दो दुनिया हर राह अधिकार जमाता
हंसता पथिक अनजाना बचाया जिन्हें गर्म
हवाऔ से था
मोह में फंस क्यों स्वंय उनके लिये गर्म हवा बन जाता हैं
पथिक अनजाना
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
इसे साझा करने के लिए आभार।