अनमोल धरोहरें
जगत में अनमोल
धरोहरें महत्वपूर्ण
पाँच पाई
पहली धैर्यता दूजी विवेक तीजी सजगता हैं
चौथी धरोहर निर्मोह रहें
वअन्तिम न्यायिक हैं
जिस इंसान के पास
सदैव यह विद्यमान रहें
नही उसका कभी कोई
कहीं कुछ बिगाड सकता
न वह सज्जन कभी
दुष्कर्मों की ओर जा सकता
रहता सदैव सुरक्षित मानो अभयदान
मिला उसे
नही शिकवा किसी को
जहाँ में ऐसे इंसा से
कभी
पाँचों की गोपनीयता को जो
इंसा ले पास बांधें सदा
धोखों व ठोकरों से
बचेगा न कभी वह हाथ मलेगा
तलवारें म्यान में नही
शोभा देती अजमाई जातीहैं
पथिक
अनजाना
बहुत ही सुंदर...अनमोल धरोहरें
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