दुनिया की लडाईयाँ
जीत
कर भी अपनों से हम विजयी नही कहला सकते है
जीत
अंह की हार अपनत्व की यहाँ हमें बैचैन कर जाती है
चुनेंगें
किसको अंह या अपनत्व को फैसला आप ही करेंगें
निष्कर्ष
यही कि लडाई जन्म से पर्व सच्चाई को थाम लें
कर
मदहोश अहं खुद को प्रतिपक्षी की स्थिति में स्थान दें
गहनता
से कर विचार परिणामों व कर्मों पर गर ध्यान दें
गर
हैं सही आप उतरें मैदां में व दुनिया की लडाई मान लें
पथिक
अनजाना
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