तुलसीदास
तुलसी तुलसी सब कहें ,तुलसी बन (वन )की घास ,
तुलसी तुलसी सब कहें ,तुलसी बन (वन )की घास ,
हो गई किरपा राम की ,तो बन गए तुलसीदास।
अन्यत्र तुलसी दास ने अपने को भांग का पौधा भी कहा है। ये तुलसी तो वन का साधारण पौधा था
जिसे सब तुलसी तुलसी कहते थे।राम की कृपा हुई तो यही तुलसी तुलसीदास बन गया। अर्थात
जिस पर राम की कृपा हो जाती है उसकी पद प्रतिष्ठा बढ़ जाती है। शान और मान बढ़ जाता है। भले
संसार की तुच्छ से तुच्छ वास्तु क्यों न हो तुलसी या भांग का साधारण पौधा ही क्यों न हो भगवान्
राम की कृपा होने पर उसका भी महत्व बढ़ जाता है।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज शनिवार (24-08-2013) को मुद्रा हुई रसातली, भोगें नरक करोड़-चर्चा मंच 1347 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'